Amarnath Yatra 2023: सनातन धर्म में अमरनाथ यात्रा का अपना एक अलग महत्व है. इस यात्रा को मोक्ष की यात्रा के तौर पर देखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी एक बार इस यात्रा में शामिल हो बाबा बर्फानी के दर्शन करता है उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है. यात्रा को काफी कठिन माना जाता है. इस साल ये यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है. इस यात्रा में शामिल होने वालों के पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है. वहीं अब सरकार ने इस यात्रा को लेकर एडवाइजरी जारी की है.
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सरकार ने जारी की एडवाईजरी
अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाईजरी का मुख्य उद्देश्य है कि जो भी इस यात्रा में शामिल होने जा रहा है उसको कोई दिक्कत ना हो. इस यात्रा में शामिल होने वाले हर व्यक्ति को सलाह दी गई है कि यात्रा में शामिल होने वाला हर शख्स अभी से इस यात्रा के बाबत तैयारी शुरू कर दे. जिससे उसे यात्रा के दौरान आने वाली दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. अमरनाथ यात्रा को सबसे उंची चढ़ाई में से एक माना जाता है. यात्रा में शामिल होने वाले कई लोग बीमार भी पड़ जाते हैं.
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क्या है एडवाईजरी में
इस यात्रा में शामिल होने वालो के लिए जारी एडवाईजरी में निर्देशित किया गया है कि यात्रा में शामिल होने वाले लोग अभी से 4 से 5 किमी प्रतिदिन पैदल चलने का अभ्यास कर लें. साथ नें योगासन करें, प्राणायाम करें. श्रद्धालुओं से इस बाबत भी कहा गया है अभी से मॉर्निंग और इवनिंग वॉक शुरू कर दे. जिससे खुद को फिट कर पाए और यात्रा के दौरान कोई विशेष दिक्कत ना हो. बता दें इस बार होने वाली ये यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी. जम्मू कश्मीर में 14 किमी तक की इस यात्रा के दौरान ऊंचाई, खड़ी ऊंचाई, पतले रास्तों और खड़ी ढलानों से होकर यात्रियों को गुजरना पड़ता है. इसके बाद ही श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर पाते हैं.