Eid al Adha: बकरीद के त्यौहार को लेकर देश भर में उल्लास है. इस साल ये त्यौहर 29 जून को मनाया जाएगा. बकरीद के त्यौहार के पहले बाजारों में रौनक देखी जा सकती है. इस्लाम में बकरीद पर कुर्बानी का विशेष महत्व है. हालांकि कुर्बानी करते हुए और कुर्बानी के बाद कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए जिससे न केवल त्यौहार बनाने में अच्छा लगता है बाल्कि आसपास के लोगों को भी किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े.
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इन बातो का रखें ध्यान
बकरीद के अवसर पर कुर्बानी के बाद इस बात का ध्यान रखें कि कुर्बानी से निकले अवशेष इधर उधर ना हों. उनके लिए एक समुचित स्थान हो और आस पास के क्षेत्र को साफ सुथरा रखें. बता दें, अवशेषों को डालने के लिए शासन प्रशासन और मस्जिद कमेटियों द्वारा बढिया इंतजाम किए जाते हैं. कुर्बानी के लिए बकरों से बाजार पटे हैं, जमकर लोग इसकी खरीददारी कर रहे हैं.
कब मनाई जाएगी बकरीद
जानकारी हो कि इस साल बकरीद का त्यौहार 29 जून को मनाया जाएगा. बकरीद के इस पाक त्यौहार में महज कुछ दिन ही शेष हैं. देश भर के बाजारों में अभी से बकरों की मंडियां लग रही है वहां पर लोगों की काफी भीड़ देखी जा रही है. वहीं प्रशासन ने भी बकरीद को लेकर कई आदेश जारी किए हैं जिसमे साफ सफाई का ध्यान रखने की बात कही गयी है.
खुले में कुर्बानी करनें से बचे
शासन और मस्जिद कमेटियों द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि खुले में कुर्बानी करने से बचें. कुर्बानी के कारण किसी को भी परेशानी ना हो इसका विशेष ध्यान रखें. इसको देखते हुए तैयारियां की जा रही हैं. शासन ने लोगों को और मस्जिद कमेटियों को निर्देश दिए हैं कि खुले में कुर्बानी करने से बचें.
कैसे जानवरों की ना करें कुर्बानी
कुर्बानी के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि बकरीद पर कभी भी 1 साल से छोटे जानवर की कुर्बानी न करें. इसी के साथ कमजोर, बीमार या विकलांग जानवर की कुर्बानी देने से बचें. इस बात का विशेष ध्यान भी रखना चाहिए कि कुर्बानी के दौरान आंख, कान, पांव और सींघ वाले जानवर की ही कुर्बानी दी जाए. इस्लाम का इस बात का वर्णन है.