Bath Astro Tips: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है. घर के किचन से लेकर बाथरूम तक वास्तु शास्त्र का नियम लागू होता है. वास्तु शास्त्र में बाथरूम की दिशा का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि यदि आपके घर में सही दिशा में बाथरूम है और आप उसमें सही दिशा में मुंह करके स्नान करते हैं, तो आपकी किस्मत चमक सकती है. इतना ही नहीं बाथरूम में सही दिशा में नहाने से आपको कई तरह की समस्याओं से मुक्ति भी मिल जाएगी. आइए वास्तु शास्त्र के हिसाब से जानते हैं, किस दिशा में मुंह करके नहाना शुभ होता है.
इस दिशा में मुंह करके नहाने से बदल जाएगी तकदीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार सुबह के समय स्नान करना विशेष फलदायी होता है, क्योंकि सुबह सूर्य देव के उगने के साथ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे हमारी कुंडली में सूर्य मजबूत होता है और हमें किस्मत का साथ मिलने लगता है. इसलिए कभी भी सुबह पूर्व दिशा की तरह मुंह करके स्नान करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिशा में स्नान करने से सकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर की सभी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती है. जिससे आपके करियर में तरक्की के मार्ग खुल जाते हैं.
इस दिशा में होना चाहिए बाथरूम
वास्त्रु शास्त्र के अनुसार घर में बाथरूम उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए. वहीं टॉयलेट की सीट पश्चिम या उत्तर पश्चिम दिशा में होनी चाहिए. वास्तु जानकारों की मानें तो इस दिशा में बाथरूम होने से घर में वास्तु दोष नहीं लगता है और परिवार की दिन-रात तरक्की होती है.
इस दिशा में नहीं होना चाहिए बाथरूम
वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम भूलकर भी दक्षिण, दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए. ना तो किचन के सामने या उससे सटा हुआ बनाना चाहिए. इस दिशा में बाथरूम बनाने से घर की तरक्की में बाधा आती है और पारिवारिक कलह होता है.
ये भी पढ़ेंः MOTIVATIONAL THOUGHTS: जया किशोरी की वो बातें जो बदल देगी जिंदगी, जानिए लाइफ में कामयाब होने का मंत्र
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)