MP News: एमपी सरकार जिला प्रशासन की मदद से जनहित योजनाओं को लागू करके लोगों की आर्थिक मदद करती है. वहीं, प्राकृतिक आपदा के समय भी सरकार आर्थिक नुकसान की भरपाई करती है. इन सबके बीच कुछ लोग ऐसे हैं, जो फर्जी ढंग से शासन द्वारा दी जा रही राहत राशि का बंदर बांट करते हैं. एमपी के भिंड में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जहां हादसे में पशु धन की मौत को मुआवजे के लिए प्राकृतिक आपदा में मौत बताया जा रहा है. आइए बताते हैं पूरा मामला.
ये है पूरा मामला
दरअसल, मेहगांव ब्लाक के भारौली गांव निवासी किसान कल्याण सिंह की एक भैंस थी, जो बीते दिनों अचानक कुएं में गिर गई. कुएं में गिरने से भैंस की मौत हो गई. भैंस की मौत के लिए किसान ने मुआवजे के लिए प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी. इसी दौरान कल्याण सिंह की मुलाकात मेहगांव ब्लॉक पर पशु चिकित्साधिकारी भूपेंद्र भदोरिया से हुई. इसी दौरान दोनों के बीच शासन द्वारा दी जाने वाली मुआवजा राशि के बंदरबांट का प्लान बना.
जानिए किसने बनाया वीडियो
बताया जा रहा है कि इसके बाद डॉक्टर ने किसान से ढाई हजार रुपए लिए और भैंस की पीएम रिपोर्ट बदलकर कुएं में गिरने से मौत की जगह आकाशीय बिजली से मौत बता डाला. इसके लिए किसान ने पशु चिकित्सक को मेंहंगाव बुलाया. वहां डॉक्टर उससे ढाई हजार रुपए ले रहा था. वहीं, किसान गरीबी का हवाला देते हुए केवल 2 हजार रुपये देने को कह रहा था. तभी पास में खड़े किसी व्यक्ति ने लेनदेन का वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताई साजिश
जब इस मामले में पशु चिकित्साधिकारी भूपेंद्र सिंह भदौरिया से पूछा गया, तो उन्होंने रिश्वत लेने की बात से साफ मना करते हुए सिरे से खारिज कर दिया. वहीं, उन्होंने पीएम रिपोर्ट में भैंस की मौत को कुएं में गिरने से मौत ही दर्शाया है.पशु चिकित्साधिकारी ने कहा कि किसी ने उनके खिलाफ साजिश के तहत ये वीडियो बनाया है. हांलाकि, वीडियो में पशु चिकित्साधिकारी कहते नजर आ रहे हैं कि अगर आप पटवारी से भी लिखवाएंगे, तो वो 5,000 रुपये लेगा. वह तो केवल ढाई हजार रुपये ले रहे हैं.
जांच कराकर की जाएगी कार्रवाई
इस मामले में उपसंचालक पशु आरएस भदोरिया ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वीडियो उन्होंने अभी देखा है. वीडियो में डॉक्टर रिश्वत लेते दिख रहे हैं. इस मामले में उनको नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है. इसमें जवाब आने के बाद जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी.