Chandrayaan-3 Mission Update: चंद्रयान-3 मिशन हर भारतीय के लिए गौरव का प्रतीक है. पूरी दुनिया की नजर इसके सॉफ्ट लैंडिंग पर टिकीं है. बता दें कि चंद्रयान-3 इतिहास रचने के लिए, चंद्रमा के बेहद करीब पहुंच चुका है. इस मिशन की सफलता हमारे देश और वैज्ञानिकों की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा. हर कोई लैंडिंग की उलटी गिनती कर रहा है. जैसे ही 6 बजकर 4 मिनट होंगे उम्मीद है चंद्रयान लैंड कर जाएगा. इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि लैंडर मॉड्यूल चांद के बेहद करीब पहुंच चुका है. वह चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है. इसकी आज शाम छह बजकर चार मिनट पर लैंडिंग की उम्मीद की जा रही है. आइए हम आपको ऐतिहासिक क्षण से पहले चंद्रयान-3 मिशन का पूरा शेड्यूल बताते हैं.
कैसा रहा है चंद्रयान-3 मिशन शेड्यूल
- 6 जुलाई 2023- चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग 14 जुलाई 2023, दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से की गई थी.
- 11 जुलाई 2023- इसरो ने बताया कि मिशन की लॉन्चिंग के लिए पूरी तैयारी और उसके प्रॉसेस में 24 घंटे का लॉन्च रिहर्सल किया गया था.
- 15 जुलाई 2023- पहले ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स फायर किए गए जिसके बाद बाहूबली रॉकेट अपनी पीठ पर चंद्रयान को लेकर 41762 किमी x 173 किमी कक्षा में पहुंच गया.
- 17 जुलाई 2023- जब दूसरी ऑर्बिट मेन्यूवरिंग की गई तब चंद्रयान ऑर्बिट बदलते हुए 41603 किमी x 226 किमी कक्षा में अपना सफर तय करने पहुंच गया.
- 22 जुलाई 2023- इस दिन चौथी ऑर्बिट मेन्यूवरिंग हुई जिसके बाद चंद्रयान 71351 किमी x 233 किमी की कक्षा में जा पहुंचा.
- 25 जुलाई 2023- चंद्रयान का ऑर्बिट बदलने का एक और प्रॉसेस किया गया.
- 1 अगस्त 2023- अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर ऑर्बिट में इंस्टॉल किया गया था. इस दौरान कक्षा 288 किमी x 369328 किमी हासिल की गई.
- 5 अगस्त 2023- चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक स्थापित हो गया. हासिल की गई आर्बिट 164 किमी x 18074 किमी थी.
- 6 अगस्त 2023- इस दिन यान को चंद्रमा के सर्फेस के और करीब भेजने का प्रॉसेस शुरू किया गया था. इसके बाद चंद्रयान-3 की कक्षा कम होकर 170 किमी x 4313 किमी रह गई.
- 9 अगस्त 2023- एक और प्रसेस हुआ जिसके बाद चंद्रयान-3 की कक्षा कम होकर 174 किमी x 1437 किमी रह गई.
- 14 अगस्त 2023- चंद्रयान-3 ऑर्बिट सर्कुलाइजेशन फेज में पहुंच गया. जिसके बाद चंद्रयान ऑर्बिट घटकर 151 किमी x 179 किमी हो गया.
- 16 अगस्त 2023- फायरिंग होने के बाद चंद्रयान 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में पहुंच गया.
- 17 अगस्त 2023- चंद्रयान-3 के प्रणोदन मॉड्यूल से लैंडर सफलतापूर्वक अलग हो गया. जिसके बाद लैंडर अकेले ही अपनी यात्रा शुरू करने लगा.
- 18 अगस्त 2023- चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल डीबूस्टिंग की प्रक्रिया करते हुए चंद्रमा के निचली कक्षा में उतर गया. जिसके बाद इसकी कक्षा 113 किमी x 157 किमी तक घट गई.
- 20 अगस्त 2023- इस दिन दूसरा डीबूस्टिंग प्रॉसेस सफलतापूर्वक पूरा हुआ. जिसके बाद इसकी कक्षा 25 किमी x 134 किमी तक घट गई.
- 23 अगस्त 2023- यह दिन हर भारतीय के लिए ऐतिहासिक होगा. शाम छह बजकर चार मिनट पर लैंडर की चांद की सतह पर उतरने की उम्मीद है. इस कार्यक्रम का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया जाएगा.
चांद के दक्षिणी छोर पर नहीं पहुंचा कोई
चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. भारत इस छोर पर पहुंचकर इतिहास रचने जा रहा है. चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को इसी दक्षिणी ध्रुव पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है. सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद ये इस जगह पर मौजूद मिनिरल्स के बारे में पता लगाएगा और इसरो के पास डेटा भेजेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम विक्रम साराभाई (1919-1971) के नाम पर रखा गया है. भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक विक्रम साराभाई को माना जाता है.
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