Conjunctivitis Viral: बरसात के मौसम में तेजी के साथ कंजक्विवाइटिस फैल रहा है. इसे आई फ्लू भी कहते हैं. ये बीमारी हर साल बारिश के मौसम में आती है, लेकिन इस साल इसका प्रकोप काफी ज्यादा देखने को मिला है. इस पिंक आई की समस्या से देश में कई राज्य के लोग परेशान है. वहीं, दिल्ली एनसीआर में आई फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. दिल्ली के एम्स में 100 से ज्यादा मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं. इस बीमारी के कारण आंखों का रंग बदल जाता है. आंखें पिंक कलर की हो जाती है. ये एक संक्रामक बीमारी है. जो काफी तेजी के साथ फैलती है. आज इस ऑर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं वो कौन से उपाय है जिससे आप इस आई फ्लू से खुद को बचा सकते हैं.
कंजक्विवाइटिस के लक्षण
कंजक्विवाइटिस को आई फ्लू या पिंक आई डिजीज के नाम से भी जाना जाता है. ये एक संक्रामक बीमारी है जो तेजी से फैलती है. आई फ्लू का इंफेक्शन लगभग एक हफ्ते तक रहता है. नेत्र रोग विशेषज्ञ की मानें तो इसके सामान्य लक्षण में सबसे पहले आंखें लाल होने लगती है. आखों में लगातार खुजली होती है. कई बार देखा जाता है आखों से लगातार पानी आता है. कुछ स्थितियों में आखों के आस पास डिस्चार्ज या पपड़ी भी हो सकती है. अगर आपको इसमें से कोई लक्षण लगे तो आपको तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए. उनके द्वारा दिए गए सलाहों के साथ एंडिबॉयोटिक ड्रॉप का इस्तेमाल करना चाहिए.
कैसे करें बचाव
आई फ्लू से बचने के लिए कुछ आसान बातों का ध्यान रखें. दरअसल, अगर पिंक आई का सबसे पहला लक्षण है आंखों में खुजली होना, आम तौर पर लोग इसको नजरअंदाज कर देते हैं. मानसून के समय में अपनी आंखों को बार बार छूने से बचें. इस बात का ध्यान रखें कि जब भी कोई आखों से संबंधित समस्या से पीड़ित है तो उससे दूरी बना कर रखें. वहीं, उसके आस पास जाने से बचाव करें. आखों पर काले चश्में का प्रयोग करें. अगर आपको कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत आखों पर काले चश्मे का प्रयोग करें. चिकित्सकीय परामर्श लेने के साथ एंटिबायोटिक का प्रयोग करें.
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