Gandhi Jayanti 2023: सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की इस बार 154वीं जयंती (Gandhi Jayanti) मनाई जाएगी. स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका योगदान पीढ़ियों तक याद किया जाएगा. आज भी कई लोग बापू को अपना आदर्श मानते हैं. उनकी याद में दुनियाभर के लोग कुछ न कुछ खास करते रहते हैं. भारत में भी कुछ ऐसा ही खास है. कर्नाटक के मंगलुरु में गांधी जी का एक मंदिर (Gandhi Ji Temple) है, जहां लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं. आइए जानते हैं इस अनोखे मंदिर की खासियत.
भगवान की तरह होती है गांधी जी की पूजा
बता दें कि मंगलुरु के श्री ब्रह्म बैदरकला क्षेत्र गरोडी के इस मंदिर में साल 1948 में गांधी जी की मूर्ति स्थापित की गई थी. साल 2006 में लोगों ने मंदिर के निर्माण को लेकर मांग की थी. जिसके बाद बापू की संगमरमर की मूर्ति लगाई गई. इस मंदिर में महात्मा गांधी के अनुयायी आते हैं और उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं. यहां लोग गांधी के बताए रास्ते (सत्य और अहिंसा) पर चलने की प्रतिज्ञा लेते हैं. प्रतिदिन उनकी प्रतिमा के पास दीपक जलाया जाता है.
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गांधी जयंती पर होती है विशेष पूजा
इस खास मंदिर में प्रतिदिन 3 बार आरती की जाती है, लेकिन गांधी जयंती के मौके पर विशेष पूजा आयोजित की जाती है. गांधी जी की प्रतिमा पर फल, मिठाइयों के साथ ब्लैक कॉफी चढ़ाई जाती है. बाद में भक्तों को ये सारी चीजें प्रसाद के रूप में बांटी जाती हैं.
बापू करते थे मंत्र का जाप
ऐसा माना जाता है कि जब बापू वर्धा में रहने लगे, उस दौरान वह जापानी बौद्ध साधु प्रार्थना से पहले कुछ मंत्र का जाप करते थे. गांधी जी ने उनकी स्मृति में बौद्ध मंत्र अपनी प्रार्थना में शामिल किया था.
हरि:ॐ
ईशावास्यम इदम् सर्वम्।
यत् किं च जगत्यां जगत
तेन त्यक्तेन् भुंजीथा
मा गृध: कस्यास्विद् धनम्।।