Jyoti Maurya Case Update: उत्तर प्रदेश में पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं हाल ही में इस मामले में कथित तौर पर ज्योति मौर्य के बॉयफ्रेंड की एंट्री हो गई है. इसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया. इस मामले में ज्योति के बॉयफ्रेंड मनीष दुबे को विभाग की छवि धूमिल करने का दोषी पाया गया है. दरअसल, मनीष दुबे महोबा में होमगार्ड जिला कमांडेंट के पद पर तैनात हैं. वहीं अब उनपर 3 और आरोप लगे हैं. इस मामले को लेकर उनके निलंबन की सिफारिश की गई है.
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, मनीष दुबे के खिलाफ विभागीय जांच बैठाई गई. जिसके बाद उनपर विभाग की छवि धूमिल करने का आरोप लगा है. जो जांच रिपोर्ट भेजी गई है उसके आधार पर अब आगे की कार्रवाई की जाएगी. डीआईजी संतोष सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट सोमवार देर रात करीब 10:00 डीजी होमगार्ड बीके मौर्या को सौंप दी है.
तीन मामलों में फंसे दुबे
जो जांच रिपोर्ट सौंपी गई है उसमे तीन मामलों का जिक्र किया गया है. पहला मामला ज्योति मौर्य से जुड़ा हुआ है जिसमें उनके और एसडीएम के संबंध का जिक्र किया गया है जिससे विभाग की छवि धूमिल होने का आरोप लगा है. दूसरा मामला अमरोहा जिले का ही है. जहां एक महिला होमगार्ड ने मनीष पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला होमगार्ड ने आरोप लगाया है कि कमांडेंट मनीष दुबे महिला होमगार्ड को अकेले में मिलने के लिए बुलाते हैं, जब वो नहीं आती हैं तो वो उनकी ड्यूटी नहीं लगाते हैं. वहीं तीसरा आरोप उनकी पत्नी ने लगाया है. उनकी पत्नी का कहना है कि शादी के बाद मनीष दुबे अब उससे 80 लाख रुपये दहेज मांग रहे हैं. इसकी उन्होंने लिखित शिकायत की है.
ज्योति मौर्य ने मामले में क्या कहा?
इस पूरे मामले में एसडीएम ज्योति मौर्य ने कोई भी बयान देने से किनारा कस ली हैं. हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने डीआईजी होमगार्ड संतोष सिंह को लिखित बयान देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पति आलोक मौर्य से उनका विवाद चल रहा है, जिसकी उन्होंने प्रयागराज के धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी है. मामला कोर्ट में लंबित है उनको जो कुछ कहना होगा कोर्ट में कहेंगी.
विभाग की छवि धूमिल करने का आरोप
उल्लेखनीय है कि मनीष दुबे की भूमिका को लेकर होमगार्ड विभाग की जांच पूरी हो गई है. जांच में होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे को उत्तर प्रदेश राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली के तहत विभाग की छवि धूमिल करने का दोषी पाया गया है. इसको लेकर जो जांच रिपोर्ट सामने आई है उसको अधिकारियों को सौंप दिया गया है जिसके आधार पर आगे का निलंबन पर फैसला लिया जाएगा. रिपोर्ट में उनके निलंबन की शिफारिश की गई है.