नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी. ‘मोदी’ उपनाम टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कोर्ट जानना चाहता है कि अधिकतम सज़ा क्यों दी गई? अगर 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो वे (राहुल गांधी) अयोग्य (लोकसभा सदस्यता) नहीं ठहराए जाते.
बता दें ‘मोदी’ उपनाम टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं. इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ.
जानकारी हो कि शीर्ष कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कोर्ट को ये बताया जाए कि एक सांसद को कैसा बर्ताव करना चाहिए. वहीं, कोर्ट में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का पक्ष रखते हुए वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस तरह का बयान पहले भी दिया था. जिसमें उन्होंने राफेल के मामले में कहा था चौकीदार चोर है. अधिवक्ता जेठमलानी ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले कहा कि वो मांफी नहीं मांगते हैं. इसका मतलब यही हुआ कि जो मन करें वो करें.
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