Monsoon Update: मानसून की दस्तक के बाद से ही देश के विभिन्न इलाकों में बारिश हो रही है. इस साल मानसून ने समय पर दस्तक दी जिससे किसानों को काफी राहत महसूस हो गई. लेकिन लगातार हो रही बारिश ने किसानों के साथ सभी की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल, बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों पर ही पड़ा है. दिल्ली में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. यमुना का जलस्तर 208 मीटर को पार कर गया है. जो पिछले 45 साल के रिकॉर्ड को तोड़ रहा है.
हिमाचल में बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं तो उत्तराखंड में कई स्थानों पर लैंडस्लाइड से कई मार्ग बंद हैं. इस बारिश से धान के किसानों को काफी राहत मिली है. लेकिन, बागवानी और सब्जी उगाने वाले किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है. इस बारिश के कारण उनकों आर्थिक संकट से भी जूझना पढ़ रहा है.
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सब्जी उगाने वालों किसानों के लिए बारिश बनी आफत
सबसे ज्यादा मार उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के किसानों पर पड़ी है. दरअसल, यहां पर सब्जी की किसानी करने वाले किसानों पर बारिश आफत बनकर टूटी है. लगातार हो रही बारिश के कारण खेतों में पानी लग गया है. धान के लिए तो पानी वरदान है. लेकिन, बागवानी करने वालों और सब्जी की खेती करने वालों के लिए ये पानी काफी नुकसानदायक है.
पानी लगने के कारण फसल सड़ रही है, जिस वजह से किसानों को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हो रहा है. बता दें कि खेतों में पानी भर जाने के कारण खीरा, लौकी, भिंडी जैसी हरी सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है. हांलांकि, किसानों का कहना है कि इस साल हरी मिर्च की फसल काफी अच्छी हुई थी जिससे मुनाफा होने की उम्मीद थी लेकिन लगातार हो रही बारिश ने सभी सपनों पर पानी फेर दिया.
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अधिकारियों को मिले निर्देश
बारिश के कारण हुए नुकसान के आकलन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हिमाचल प्रदेश में भी हुआ है. जानकारी दें कि सोलन जनपद में कई हेक्टेयर में लगी हरी सब्जियों की फसल खराब हो गई है. इस नुकसान के कारण किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है. टमाटर और मिर्च के किसानों सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. किसानों के अनुसार इस बारिश में 30 फीसदी से ज्यादा फसल नष्ट हो गई है. वहीं, किसानों को हुए नुकसान को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. जिसके आधार पर सब्जी की खेती करने वाले किसानों को मुआवजा दिया जा सके.