Shaniwar ke Upay : ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को क्रूर ग्रह के रूप में देखा जाता है. शनिदेव यदि किसी व्यक्ति से नाराज हों जाते है, तो उस व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है. शनि देव कर्म के फल दाता माने जाते हैं, जो जैसा कर्म करता है, उसे उसके अनुरूप शुभ-अशुभ परिणाम भोगने ही पड़ते हैं.
यानिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. इस दिन आप शनिदेव के पांच मंत्रों का जाप कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं वे कौनसे 5 मंत्र हैं और उनके जाप की सही विधि के बारे में.
- शनि देव का महामंत्र
ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
- शनि गायत्री मंत्र
ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
- शनि देव का बीज मंत्र
ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
- शनि आरोग्य मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
- शनि दोष निवारण मंत्र
ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ओम शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ओम शं शनैश्चराय नमः।।
इस विधि से मंत्रों का करें उच्चारण
-अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते है तो इसके लिए शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं.
-इसके बाद काले रंग का स्वच्छ कपड़ा धारण कर लें. अगर आपके पास काले रंग का कपड़ा नहीं है, तो इससे मिलते-जुलते रंग जैसे बैंगनी, ग्रे या फिर स्लेटी रंग के वस्त्र धारण कर लें.
-अब आसपास किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा कर उन्हें नीले रंग के फूल अर्पित करें. घर वापस आने के बाद कुश के आसान पर बैठकर ऊपर दिए मंत्रों का जाप करें. इससे शनि देव शांत होते हैं और जीवन में सुख और संपत्ति का आशीर्वाद देते हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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