Shivling par jal chadhane ke niyam: सावन का पावन महीना चल रहा है. ऐसे में शिव की उपासना में लोग रमे नजर आ रहे हैं. शिवायलों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. ऐसे में शिव के इस पावन महीने में भगवान भोले शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा है. मान्यता है कि इस पावन माह में शिव माता पार्वती के साथ धरती पर आते हैं.
वहीं कहा जाता है जो भी शिव की उपासना सच्चे मन से पूरे सावन में करता है, उसके मन की सारी इच्छाएं पूरी होती है. इतना ही नहीं मान्यता है कि सावन में पूजा करने से शिव शंकर कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर देते हैं. मान्यता के अनुसार सावन के माह में शिवलिंग पर जल अर्पण करने से मन की इच्छा पूरी होती तो वहीं घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे शिवलिंग पर जल अर्पण करना चाहिए इतना ही नहीं किस समय पर ऐसा नहीं करना चाहिए. अन्यथा इसका विपरीत परिणाम आप पर हो सकता है.
ये भी पढ़ेंः Sawan Maas Rule 2023: सावन में भूलकर भी ना करें ये काम, वरना महादेव हो जाएंगे नाराज
शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही समय क्या है?
कहा जाता है पूजा और उपासना का कोई खास समय है, लेकिन सावन में इसको लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं. अगर उस शुभ मुहूर्त में शिवलिंग पर जल अर्पण किया जाए तो उसका फल काफी सुखकारी होता है. वहीं इस नियम से विपरीत जल अर्पण करने से कोई लाभ नहीं होता है. वर्णित समय के अनुसार सावन के पावन महीने में सुबह 5 बजे से लेकर सुबह 11 बजे तक शिवलिंग पर जल चढ़ाया जा सकता है. वहीं शाम के समय शिवलिंग गलती से भी शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए, अगर आप ऐसा करते हैं तो आप पाप के भागीदार हो सकते है. संभव है कि आपको इससे नुकसान हो.
शिवलिंग पर जल चढाते समय इन बातों का रखें ध्यान
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के दौरान कुछ नियमों को बनाया गया जिसका पालन अवश्य करना चाहिए. जिससे आप सही तरीके जल शिवलिंग पर चढा लें. आइए इसके बारे में आपको बताते हैं.
- शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नहीं चढाएं.
- शिवलिंग पर जो जल चढ़ाना हो उसमे कुछ मिला नहीं होना होना चाहिए
- शिवलिंग पर तांबे के ही लोटे या गिलास से जल अर्पित करें. लोहे या स्टिल के बर्तन का प्रयोग ना करें
- पूरब की ओर मुंह कर के जल अर्पित ना करें
- हमेशा बैठकर ही शिवलिंग पर जल अर्पित करें.
- तांबे के बर्तन से शिवलिंग पर दूध भूलकर भी अर्पित न करें.
- हमेशा उत्तर की ओर मुंह कर के ही जल अर्पित करें इसे शुभ माना जाता है.