Pradosh Vrat: सावन का दूसरा प्रदोष व्रत कल, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा उपाय

Sawan Pradosh Vrat Date: वैसे तो भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए पूरा सावन का महीना ही शुभ होता है, लेकिन सावन महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है जो भक्त सावन माह में पड़ने वाले प्रदोष का व्रत कर भगवान शिव और मां पार्वती की विधि विधान से पूजा करता है, उसे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. कल यानी 30 जुलाई को सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत है. आइए जानते हैं इस दिन कैसे करें भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा?

कब है सावन का दूसरा प्रदोष व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार अधिकमास माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 10 बजकर 34 मिनट से हो रही है, जिसका समापन 31 जुलाई को सुबह 07 बजकर 26 मिनट पर होगा. ज्योतिष की मानें तो प्रदोष का व्रत 30 जुलाई को रखा जाएगा. 30 जुलाई को रविवार पड़ने की वजह से इसे रवि प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा.

प्रदोष व्रत पूजा उपाय
सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत 30 जुलाई रविवार को रखा जाएगा. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 14 मिनट से रात्रि 09 बजकर 19 मिनट तक है. ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दौरान इस शुभ मुहूर्त में भगवान शंकर के साथ मां पार्वती की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

प्रदोष व्रत विशेष उपाय
सावन माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को जौ का अर्पित करें. इसके बाद इस आटे की रोटियां बनाकर गाय को खिला दें. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और हमारे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.

अगर आपका कोई मामला कोर्ट कचहरी में है तो सावन प्रदोष व्रत के दिन तांबे के लोटे में चावल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और कोर्ट-कचहरी के मामलों में फैसला आपके पक्ष में आता है.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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