Bindeshvar Pathak: आज स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर भारत मां का एक लाल सदा के लिए सो गया. जी हां, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता बिंदेश्वर पाठक का आज निधन हो गया. दरअसल, ध्वजारोहण के बाद अचानक उनका स्वास्थ बिगड़ गया और उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया. एम्स में उन्होंने अपने जीवन की अंतीम सांस ली. उनके पार्थिव शरीर को सुलभ म्यूजियम में बुधवार सुबह सात बजे अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा और लगभग 12 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी.
हाथ से मैला ढोने वाली प्रथा का विरोध किया
आपको बता दें, बिंदेश्वर पाठक निचले तबके वालों के लिए कई लड़ाईयां लड़ीं. उन्होंने हाथ से मैला ढोने वाली प्रथा का जोरों शोरों से विरोध किया. बिंदेश्वर पाठक ने नए डिजाइन पर आधारित लगभग 54 मिलियन सरकारी शौचालयों और 1.3 मिलियन घरेलू शौचालयों को बनवाया था.
महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी उठाए कदम
बिंदेश्वर पाठक ने निचले तबके वाले लोगों के जीवन में बड़ा बदलान किया था. इन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी काफी अच्छा कार्य किया था. बता दें कि उन्होंने साल 2003 में उन्होंने अलवर में एक वोकेशनल सेंटर की स्थापना की, वहां सशक्त बनाने के लिए महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, खाद्य-प्रसंस्करण और सौंदर्य उपचार की शिक्षा दी जाती है.
2011 में घिरे थे विवादों में
आपको बता दें साल 2011 में एक बार बिंदेश्वर पाठक विवादों में भी घिरे थे, जब उन्होंने अछूत कहे जाने वाले समुदाय की 200 महिलाओं को काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा कराई थी. बिंदेश्वर पाठक ने मल-आधारित बायोगैस प्लांट भी बनाया है, जो कि हीटिंग, खाना पकाने और बिजली के लिए बायोगैस बनाता है.
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