यूपी की स्मार्ट विधानसभा से मोबाइल रहेगा आउट, दस्तावेज फाड़ने का फैशन होगा खत्म

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UP Vidhan Sabha: सोमवार को यूपी विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है. तीन दिनों से चल रहे सत्र में जोरदार हंगामा देखने को मिला. हलांकि, सत्र का हंगामेदार होना कोई नई बात नहीं है. इसी को देखते हुए सदन के कामकाज को सुचारु ढंग से चलाने के लिए यूपी विधानसभा को नई नियमावली मिलने वाली है. यह नियमावली न सिर्फ सदन के कामकाज संचालन की प्रक्रिया को सरल करेगी बल्कि विधानसभा सदस्यों द्वारा सदन के अंदर की जाने वाली मनबढ़ई पर भी रोक लगाएगी.

इस नियम के तहत विधानसभा सदस्यों को मोबाइल फोन समेत कुछ अन्य चीजों को लेकर सदन के अंदर जाने की पाबंदी लगा दी गई है. सोमवार को विधानसभा में नियमावली को पेश किया गया था, जिसे आज यानि 9 अगस्त को मंजूरी दिलाने की योजना है. आइए आपको बताते हैं इस नियमावली के बारे में.

अब नहीं फाड़ सकेंगे कोई भी दस्तावेज
इस नियमावली के अनुसार विधानसभा सदस्य सदन के अंदर मोबाईल फोन, झंडे, किसी भी प्रकार का कोई प्रतीक चिन्ह या अन्य किसी भी वस्तु का प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं. विधानसभा सदस्य सदन में विधानसभा के कार्य से संबंध न रखने वाले साहित्य, प्रश्नावली, पुस्तिकाओं, प्रेस टिप्पणियों, पर्चों, आदि का वितरण भी नहीं कर सकेंगे. कोई भी विधानसभा सदस्य सदन में किसी भी दस्तावेज को नहीं फाड़ सकेगा. विधानसभा सदस्य अध्यक्ष पीठ के पास खुद नहीं जा सकेंगे. अगर जरूरी है तो वे पटल अधिकारियों को पर्चियां भेजेंगे.

नहीं कर सकेंगे सदन में धुम्रपान
इसके अलावा इस नियमावली के तहत विधानसभा सदस्य अध्यक्ष की ओर पीठ करके न तो बैठेंगे और न ही खड़े हों सकेंगे. कोई भी विधानसभा सदस्य सदन में न तो शस्त्र लाएंगे और न ही उसका प्रदर्शन करेंगे. इसके साथ ही सदन की लाबी में जोर से बात करने, हंसने और सदन में धूम्रपान करने पर भी रोक लगा दी गई है.

बिना मतलब नहीं चिल्ला सकेंगे विधायक
इस नियमावली में सदस्य भाषण के अधिकार का दुरुपयोग कर सभा के कार्यों में बाधा नहीं डाल सकेंगे. सदस्य अपने भाषण में अफसरों का नाम लेकर उल्लेख नहीं करेंगे. जब तक कि चर्चा उचित रूप में रखे गए मूल प्रस्ताव पर आधारित न हो उच्च प्राधिकार वाले व्यक्तियों के आचरण पर आक्षेप नहीं करेंगे. भाषण में प्रभाव जमाने के लिए राज्यपाल के नाम का उपयोग नहीं करेंगे. अध्यक्ष की अनुमति पर ही लिखित भाषण पढ़ सकेंगे.

विशेषाधिकार भंग करने पर भरने होंगे 50,000
इस नियमावली में सदस्य प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के साथ केवल दो अनुपूरक प्रश्न पूछ सकेंगे. अगर एक से अधिक प्रश्नकर्ता हैं तो वो भी एक एक प्रश्न ही पूछ सकेंगे. अध्यक्ष दो अतिरिक्त अनुपूरक प्रश्नों की अनुमति दे सकते हैं.

इसके अलावा अवमानना का आरोप निराधार पाये जाने या विशेषाधिकार भंग करने पर शिकायत करने वाले पक्ष को आरोपित पक्ष निर्धारित अधिकतम राशि 500 रुपये के स्थान पर 50,000 रुपये खर्च के रूप में देगा. अब सदस्यों को सत्र आहूत होने की नोटिस कि नोटिस 14 दिन पहले की जगह 7 दिन पहले दी जाएगी.

लागू हुआ ई-बुक प्रावधान
नई नियमावली में सदस्यों की वर्चुअल उपस्थिति, सूचनाओं व प्रस्तावों को आनलाइन उपलब्ध कराने और टैबलेट पर विधानसभा की कार्यसूची को आनलाइन प्रदर्शित करने के लिए ई-बुक के लिए भी प्रावधान किया गया है. ऐसा विधानसभा में नेशनल ई-विधान लागू होने के कारण किया गया है. आपको बता दें कि इस नई नियमावली को नियम समिति के सदस्य राम पाल वर्मा ने सदन में पेश किया. अगले सत्र से यह नियमावली अगले लागू होगी.

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