UP News: जब कोई सरकारी या प्राइवेट नौकरी करता है, तो उसे रहने के लिए सरकार या संबंधित कंपनी रहने के लिए हाउस रेंट एलाउंस देती है. आप भी अगर वेतन पाने वाले एंप्लॉय हैं, तो आपको भी हाउस रेंट अलाउंस जरूर मिलता होगा. क्या हो जब सरकारी घर भी मिले और एचआरए भी. मतलब दोनों अंगुली घी में. एम्पलाई की बल्ले-बल्ले हो जाएगी क्यों? लेकिन ऐसा करना गलत है. यूपी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता चुपचाप ये दोहरा फायदा ले रहे थे, लेकिन HRA के चक्कर में वो फंस गए. आइए बताते हैं पूरा मामला.
पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता ले रहे थे डबल फायदा
आपको बता दें कि ये मामला लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता अखिलेंद्र प्रताप सिंह से जुड़ा है. जब वह बनारस में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात थे, तब सरकारी आवास में रहकर भी एचआरए लेते रहे. जानकारी के मुताबिक वह 12 अगस्त से जनवरी तक इस पद पर रहे. जब उनका प्रमोशन हुआ, तो इसी माह यह मुख्य अभियंता भवन चले गए. वहां जाने पर भी उन्होंने एक माह का हाउस रेंट एलाउंस लिया. इसके बाद उन्होंने मार्च महीने में ऐसा नहीं किया.
इस दौरान उनके बिजली बिल जमा न करने को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. हालांकि, कनेक्शन उनके नाम पर नहीं है, लेकिन अब तक जो भी अधीक्षण अभियंता उस आवास में रहता आया है उसने बिल जमा किया है. उधर, मामला उजागर होने पर लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी.
जानिए कितने रुपये मिलता था एचआरए
आपको बता दें कि अखिलेंद्र प्रताप सिंह का पिछले सप्ताह अघीक्षण अभियंता पद से प्रमोशन होने के बाद ट्रांसफर हो गया है. इसके बाद मुख्य अभियंता पिछले साल जुलाई में बतौर अधीक्षण अभियंता बनारस में ट्रांसफर होकर आए थे. इसके बाद 12 अगस्त 2022 को वह अपने सरकारी घर में शिफ्ट हो गए. यहां रहते हुए वह अगस्त से जनवरी तक 13,820 रुपये प्रतिमाह एचआरए लेते रहे.
जब मुख्य अभियंता पद पर उनका प्रमोशन हुआ, तो फरवरी में उनका एचआरए 14,560 रुपये हो गया. दरअसल, सरकारी आवास में रहते हुए मुख्य अभियंता को एचआरए नहीं लेना चाहिए. इसके बाद मार्च से मुख्य अभियंता ने अपना एचआरए कटवाना शुरू कर दिया. सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि उनका बिजली बिल भी जमा है या नहीं. फिलहाल, ये जांच का विषय है. वहीं, कर्मचारियों की मानें तो उनका बिजली का बिल बकाया है.
प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी ने दी जानकारी
इस मामले में प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय चौहान ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकारी आवास में रहते हुए कोई भी कर्मचारी एचआरए नहीं ले सकता है. मुख्य अभियंता ने सरकारी आवास में रहते हुए अगर ऐसा किया है, तो ये गलत है. इस मामले की जांच कराई जाएगी. जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई भी होगी.