Navratri Kalash Visarjan 2023: हिन्दू धर्म का महापर्व शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का समय चल रहा है. नवरात्रि के नौ दिनों तक शक्ति की उपासना की जाती है. इस दौरान नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना करने का विशेष महत्तव होता है. मान्यता है कि, इन पवित्र दिनों में माता रानी के साथ कलश की भी विधिवत पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. वहीं, नवरात्रि के 9वें दिन कलश विसर्जन करने का विधान है. शास्त्र के अनुसार, कलश विसर्जन करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. वरना मां दुर्गा रुष्ट हो सकती हैं. आइए जानते हैं कलश विसर्जन करने का विधि-विधान…
कलश विसर्जन की विधि
नवरात्रि के आखिरी दिन मां दुर्गा और कलश की विधि-विधान से पूजा करें. कहा जाता है कि कलश का सही तरीके से विसर्जन करने से व्रत का फल मिलता है. इसलिए विसर्जन से पहले ‘ॐ ऐं हीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे..’ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. इसके बाद कलश के ऊपर रखे नरियल को किसी लाल चुनरी में लपेटकर अपनी पत्नि, मां या बेटी को दें दें. कलश में जो आम का पत्ता लगा रहता है, उससे ही कलश के जल को घर में छिड़कें. जल छिड़कते समय ध्यान रखें कि, इसे बाथरूम या फिर किसी अन्य अपवित्र जगह पर ना छिड़कें. अगर जल बच जाता है तो, उसे पेड़-पौधे में डाल दें. ये पवित्र जल घर में समृद्धि बढ़ाता है. इसके साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
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सिक्के को तिजोरी या पर्स में डाल लें
कलश में जो सिक्का मौजूद होता है. उसे अपने माथे से लगाकर अपने पर्स या तिजोरी में रख दें. इससे कभी भी आपके घर में धन की कमी नहीं होगी. आपका धन, दिन दूना-रात चौगुना बढ़ेगा. इसके अलावा आपके जीवन में हमेशा सौहार्द्र बना रहेगा.
अक्षत को घर में छिड़कें.
कलश स्थापना के दौरान कलश के नीचे अक्षत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है. ये घर में खुशहाली बढ़ाते हैं. नवरात्रि के समापन के बाद चावलों को मुट्ठी में भरकर घर में छिड़कने से नकारात्मकता दूर होती है. इससे हमेशा घर में समृद्धि बनी रहती है.
(Disclaimer: लेख में दी गई जानकारी समान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है, इसकी पुष्टी The Printlines नहीं करता है.)