Stroke: कुछ सालों पहले मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाले दिक्कतों के तौर पर जाना जाता था, लेकिन अब इस बीमारी के शिकार कम उम्र के लोग भी हो रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो युवाओं में इसका जोखिम काफी तेजी से बढ़ रहा है.
मस्तिष्क में रक्त का संचार कम होने के कारण होने वाली ये समस्या लकवा और कुछ स्थितियों में मृत्यु तक का कारण भी बन सकती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, स्ट्रोक का खतरा अब किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी ही स्ट्रोक के जोखिमों का कारण बनती हैं.
क्यों बढ़ रहा स्ट्रोक का जोखिम?
डॉक्टर की मानें तो, युवा वयस्कों में धूम्रपान-शराब के अधिक सेवन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने के कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है. कुछ अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियां भी हैं, जो स्ट्रोक के जोखिमों को बढ़ा रही है.
युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
युवा वयस्कों में हाई बीपी की समस्या काफी सामान्य हो गई है, हाई बीपी स्ट्रोक के खतरे को भी बढ़ाने वाली हो सकती है. आपको बता दें कि हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में धमनियों की दीवारों पर उच्च दबाव पड़ता है, इससे मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां फट सकती हैं.
डायबिटीज के कारण भी हो सकता है इसका खतरा
युवा वयस्कों में डायबिटीज की समस्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है, इसे स्ट्रोक के खतरे से भी जोड़कर देखा जाता है. मधुमेह से पीडि़त लोगों में स्ट्रोक विकसित होने की आशंका करीब दो गुना ज्यादा हो सकती है. डायबिटीज की समस्या आपकी नसों-तंत्रिकाओं को प्रभावित कर देती है, जिसके कारण स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ जाता है.
धूम्रपान कई ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा देती है, जिससे से हो सकता है स्ट्रोक का खतरा
- रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ाना
- रक्त वाहिकाओं को लाइन करने वाली कोशिकाओं को क्षति.
- गुड कोलेस्ट्रॉल कम होना.
- प्लाक निर्माण में वृद्धि होना आदि.
- रक्त वाहिकाएं मोटी या संकीर्ण होना.
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है. The Printlines इसकी पुष्टी नहीं करता है.