Banke Bihari Mandir: बिहारी जी की सुदंरता और उनकी माया से शायद ही कोई अपरिचित हो. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बिहारी जी के करोड़ों भक्त हैं, जो बांके बिहारी के दर्शन के लिए दूर-दूर से खींचे चले आते हैं. मथुरा वृंदावन में जितनी संख्या में भारतीय हैं वहां उतनी ही संख्या में विदेशी लोग गोप वस्त्रों में आपको दिख जाएंगे. कुछ लोगों ने तो अपना सब कुछ त्याग के श्री बिहारी जी के चरणों में अपना जीवन समर्पित कर दिया है. लोग कहते हैं कि अगर कोई एक बार यहां आता है तो यहीं का होकर रह जाता है. बता दें कि बांके बिहारी मंदिर अपने आप में कई रहस्य छिपाए हुए है. आइए आपको बताते हैं बांके बिहारी मंदिर से जुड़े 5 रहस्यों के बारे में.
क्यों खुलते-बंद होते रहते हैं पर्दे
अगर आप कभी बांके बिहारी मंदिर जाएंगे तो देखेंगे की बिहारी जी के सामने वाले पर्दें खुलते-बंद होते रहेंगे. इसके पीछे की वजह स्थानीय लोगों ने बताई कि बिहारी जी इतने मासूम और प्यारे हैं कि अगर कोई इनको घड़ी भर देख ले तो ये उसको मोह लेते हैं और खुद भी उससे मोहित हो जाते हैं. एक बार बिहारी जी की एक भक्त इनके दर्शन के लिए आई, इनको देखकर मोहित हो गई, उसे यहां से जाने का मन नहीं था लेकिन कुछ मजबुरियों के कारण उसको जाना पड़ा. ये बात बिहारी जी को बता कर जाने के लिए जैसे ही पीछे मुड़ी तो देखा ये भी उनके पीछे-पीछे चल दिए थे. स्थानीय लोग बताते हैं कि बिहारी जी को कोई लगातार ना देखे, वरना वो मोहित हो जाएगा और बिहारी जी उसके पीछे पीछे चल पड़ेगें. इसलिए मंदिर में लगे पर्दे हमेशा खुलते बंद होते रहते हैं.
पुजारी की गलती पर बेंच दिए अपने कुंडल
आप कभी बांके बिहारी मंदिर जाएंगे तो देखेंगे की मंदिर के अंदर एक बुर्जुग की फोटो टंगी होगी. स्थानीय लोग उसके पीछे की कहानी बताते हैं कि बांके बिहारी ने उसे साक्षात दर्शन दिए थे. लोगों ने बताया एक बार मंदिर के पुजारी बिहारी जी को भोग लगाना भूल गए और सो गए. रात में इनको भूख लगी तो से खाने की तलाश में चल दिए. मंदिर के बाहर उस वक्त एक दुकान खुली थी, वहां इन्होंने लस्सी पी जब दुकान वाले ने पैसा मांगा तो इन्होंने अपने एक कान का कुंडल उसे दे दिया और वहां से चले आए. फिर इन्होंने पुजारी के सपने में आकर सारी बात बताई. पुजारी ने लस्सी वाले से पूछा तो उसने बताया कि एक बुढ़ा आदमी आया था और ये देकर गया है. इसके बाद लस्सी वाले की उसी दिन मौत हो गई.
अर्धनारेश्वर रुप में होते हैं दर्शन
वृंदावन के लोग बांके बिहारी के दर्शन को लेकर कहते हैं कि उनके दर्शन सिर्फ अर्धनारेश्वर के रूप में ही होते हैं. इसमें बिहारी जी और राधा रानी का मिला हुआ रूप देखने को मिलता है.
लड्डू खा जाते हैं लड्डू गोपाल
बांके बिहारी मंदिर का एक और रहस्य है जो लोगों को हैरान कर देता है. दरअसल, बिहारी जी के बाल स्वरूप होने के कारण बिहारी जी को भोग के रूप में रात में उनके पास लड्डू रखा जाता है और सुबह के समय लड्डू फूटे हुए पाए जाते हैं.
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